रिलांयस ज्वैलरी शोरूम डकैती प्रकरण में दून पुलिस द्वारा घटना के मास्टरमाइंड शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत को दिनांक 06-01-2024 को देर रात्री पटना के बेऊर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था, जिसे पटना न्यायालय में पेश करते हुए ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया।
पूछताछ में अभियुक्त शशांक द्वारा बताया गया कि सुबोध तथा उसके द्वारा ही देहरादून में रिलांयस ज्वैलरी शोरूम में लूट की योजना बनाई गयी थी तथा घटना को अजांम देने के लिए प्रिंस कुमार, अखिलेश उर्फ अभिषेक, विक्रम कुशवाहा, राहुल तथा अविनाश को देहरादून भेजा गया था। अभियुक्त शशांक से घटना में लूटी गई ज्वैलरी के सम्बंध में अहम जानकारियां प्राप्त हुई है, जिस पर कार्यवाही की जा रही है।अभियुक्त शशांक द्वारा बताया गया कि सुबोध से उसकी पहचान अपने मौहल्ले में रहने वाले रोशन सिंह नाम के व्यक्ति के माध्यम से हुई थी, जो सुबोध के लिये काम करता था। वर्ष 2015-16 में रोशन की हत्या होने के बाद अभियुक्त शशांक सुबोध गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया, अभियुक्त द्वारा सुबोध तथा अपने अन्य साथियों के साथ वर्ष 2016 में बैरकपुर पश्चिम बंगाल में मन्नापुरम गोल्ड शॉप में 28 किलो सोने तथा वर्ष 2017 में आसनसोल पश्चिम बंगाल में मुथूट फाईनेंस ब्रांच में 55 किलो सोने की डकैती की घटना को अजांम दिया गया था, उसके पश्चात अभियुक्तों द्वारा विशाखापटनम् में भी लूट की योजना बनाई पर घटना से पूर्व ही अभियुक्त शशांक को उसके 03 अन्य साथियों के साथ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था, उक्त घटना में सुबोध सिंह व उनके 02 अन्य साथी मौके से फरार होने में सफल रहे। अभियुक्त विशाखपटनम् में 09 माह जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया पर उसके बाद अभियुक्त को उसके अन्य साथियों व सुबोध सिंह के साथ पुलिस द्वारा आसनसोल की घटना में गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेज दिया गया, ।बेऊर जेल में अभियुक्त शशांक की पहचान राजस्थान के एक हैकर से हुई, जिसने उसे, सुबोध तथा राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार को वर्चुवल सिम बनाने की जानकारी दी।
सुबोध सिंह व राजीव सिंह से अभियुक्त शशांक का जेल में अच्छा तालमेल हो गया, सुबोध सिंह व राजीव सिह पहले से ही जेल में मोबाइल चलाते थे ये सभी लोग पहले वटस्अप काल के माध्यम से बात करते थे, इसके बाद हम लोग वर्चुअल सिम के माध्यम से बात करने लगे । सुबोध सिंह पर लूट डकैती के कई मुकदमे दर्ज थे, सुबोध तथा राजीव ने मुझे कहा कि हमको अपने पुराने केसो में जमानत करवानी है और 2025 में विधान सभा चुनाव में चुनाव लडना है तो अब से जो भी घटना होगी, उसमें मोबाइल फोन के जरिये घटना करने वाली टीम से तुम ही बात करोगे और अगर बहुत महत्वपूर्ण है तभी हम दोनो में से कोई घटना करने वाली टीम के सदस्य से बात करेगा। इसके बदले हम तेरी जमानत जल्द से जल्द करवायेंगे औऱ तुझे पचास लाख से एक करोड रुपये तक दे देंगे, तब मैं इनके कहने पर सहमत हो गया और फिर मैं पूरे गैंग को आँपरेट करने लगा,
जून 2023 में सांगली महाराष्ट्र में सुबोध सिंह औऱ राजीव सिंह के द्वारा दिये जा रहे डायरेक्शन पर मैने वर्चुअल सिम का प्रयोग करके रिलायंस शोरुम में घटना करवायी थी उस घटना में छोटू राणा उर्फ महाराणा प्रताप, अनिल सोनी उर्फ डीएसपी, अंकुर उर्फ सिकंदर, पंकज सिंह उर्फ चमत्कार, रोहित सिंह उर्फ यमराज, सुधीर शर्मा उर्फ डेविड, गणेश उर्फ अन्ना, प्रिंस निवासी बिहार शामिल थे। सांगली महाराष्टृ में रिलांयस ज्वैलरी शोरुम बहुत बडा था और उसके कई कर्मचारी अलग-अलग काउंटर में फैले हुए थे और शोरुम के सामने दो-तीन ठेली वाले थे, जिस कारण रैकी करने वाली टीम ने बोला कि पास में ही एस0पी0 आफिस और पुलिस चौकी है, ऐसा न हो कि ठेली वाले घटना की सूचना पुलिस को दे दें, तब सुबोध सिंह ने कहा कि रिलांयस शोरुम में पुलिस वाला बनकर ही एन्ट्री करो और किसी घटना का जिक्र करके शोरुम के सभी कर्मचारियों को एक जगह इक्कटठा कर लो, तब अनिल सोनी ने पुलिस के डीएसपी का रोल और सुधीर शर्मा उर्फ डेविड ने एस0आई0 का रोल करके घटना को अजांम दिया।
माह सितम्बर 2023 में फिर मैंने, सुबोध सिंह व राजीव सिंह ने देहरादून में सोना लूटने की योजना बनवायी औऱ अनिल सोनी उर्फ डीएसपी को रैकी करने के लिये भेजा अनिल सोनी ने राजपुर रोड पर रिलायंस ज्वैर्ल्स शोरुम को चिन्हित किया था और वर्चुअल काल के माध्यम से मुझे बताया कि दुकान मेन रोड से थोडा अन्दर है यह जगह घटना करने के लिये बिल्कुल ठीक है तब मैंने गूगल मैप से घटनास्थल से आने जाने का रुट मैप बनाया और अनिल सोनी को रुट को देखने के लिये भेजा तब अनिल सोनी द्वारा बताया गया कि पोंटा साहिब वाला रुट और हरिद्वार वाला रुट देहरादून से बाहर निकलने के लिये ठीक है। मैं गूगल मैप के जरिये घटना करने के बाद किस रास्ते से भागना है, उसमें A से H तक प्वांइट बनाकर जनपद से बाहर निकलने का रास्ता घटना करने वाली टीम को व्हाटसअप काल के माध्यम से बताया करता हूँ, तब मैने सुबोध व राजीव सिंह से वार्तालाप करके राहुल चौंदा, अविनाश , प्रिंस उर्फ सिंघम, विक्रम उर्फ पायलेट, अभिषेक उर्फ अखिलेश उर्फ गांधी से घटना करवायी,
घटना वाले दिन प्लानिंग यह थी कि विक्रम उर्फ पायलट शिमला बाईपास से अर्टिगा गाडी में माल डालकर और अविनाश और राहुल चौंदा को लेकर हरिद्वार की तरफ निकलगें, लेकिन घटना वाले दिन घटना करने के बाद कई जगह पुलिस की चैकिंग मिलने के कारण दोनो बाईकों और अर्टिगा गाडी में काफी दूरी हो गई, जिस कारण मेरे द्वारा प्लान बदलकर उनको नदी के रास्ते निकलकर पौंटा साहिब वाले रुट से जाने के लिए कहा गया। घटना के बाद रुट में पुलिस चैकिंग शुरु हो गयी थी जिस कारण इन लोगो ने घटना में प्रयोग की गयी दोनो अपाचे बाइक व आर्टिगा गाडी को रास्ते में ही छोड दिया व अलग अलग माध्यमो से देहरादून से बाहर निकल गये।
शशांक द्वारा माल के सम्बंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, जिस सम्बंध में कार्यवाही की जा रही है। अभियुक्त शशांक व सुबोध, राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार द्वारा ही गुजरात के मेहसाणा में डकैती की योजना बनायी गई थी तथा घटना की रैकी के लिए अपने गैंग के 02 सदस्यों अनिल सोनी तथा विकास कुमार को भेजा गया था, पर दून पुलिस के इनपुट पर गुजरात पुलिस तथा दून पुलिस की टीमों द्वारा घटना से पूर्व ही अभियुक्त विकास कुमार को गिरफ्तार कर योजना को विफल कर दिया।